डीलर शिप से लाखों रुपये कमाने का लालच दे कर ठगी करने वाले गिरोह का क्राईम ब्रांच ने किया खुलासा आरोपी गिरफ्तार देश के अनेक शहरों में अलग अलग लोगो से की लाखों की ठगी

इंदौर- पुलिस उपमहानिरीक्षक श्रीमति रूचिवर्धन मिश्र द्वारा  इंदौर शहर में ठगी करने वाले आरोपियो के खिलाफ कार्यवाही करने व लगातार हो रही इन वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए इंदौर पुलिस को खास निर्देश दिए थे। उक्त निर्देशों के बाद पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री सूरज वर्मा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राईम ब्रांच) श्री राजेश दण्डोतिया द्वारा क्राईम ब्रांच की समस्त टीम प्रभारियों को इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही के लिए लगाया था। सी कड़ी में इंदौर क्राइम ब्रांच को फरियादी लखनऊ के पिता हेमराज श्रीवास्तव निवासी 5/18 विपुल खण्ड, 05 गोमतीगनर लखनऊ द्वारा एक लिखित शिकायती आवेदन पत्र के माध्यम से  इंदौर में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी संचालित करने वाले कपिल करदिले द्वारा उसे आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड इंदौर की आयुर्वेदिक दवाओं की डीलरशिप मेन लखनऊ की देने के बदले आरोपी कपिल को 03 लाख रूपये दिये थे, किंतु ना ही डीलरशिप दी गई और ना कंपनी द्वारा डीलरशिप में बेचने हेतु आयुर्वेद दवाईयों का माल उपलब्ध कराया गया। उसके बाद आरोपी कपिल करदिले ने फरियादी हेमराज के 03 लाख रूपये वापस नही लौटाये। आयुर्वेदिक दवाईयों की डीलरशिप लेकर लाखो रुपये कमाने का लालच फोन पर दे कर लोगो को झांसे में उलझा कर उन से लाखों रुपये की ठगी करने वाले आरोपी ने अपने खुरापाती दिमाग से नकली दस्तावेज बनाकर खुद की लीगल फर्म  आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड को, नया फर्जी नाम ऋषि आरोग्य दे कर कर रहा था अलग अलग लोगो से लाखो की ठगी। आरोपी कपिल से की गई प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकार किया है तथा बताया कि वर्ष 2016 में उसने आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड खोली थी जोकि पंजीकृत संस्था थी तथा बीसीएम हाईट्स बिल्डिंग में इसका संचालनालय था लेकिन वर्ष 2019 तक ठगी की कई वारदातें करने के बाद उसने आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड को बदलकर आरोग्य ऋषि नामक संस्था बना लिया था । जोकी पूरी तरह से अवैध थी आरोपी के पास उस के दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं थे आरोपी ने ठगी के लिए अपना नया ठिकाना सांई संपदा बिल्डिंग विजयनगर में स्थापित किया था।आरोपी ने फर्जी संस्था के नाम पर लोगों को डीलरशिप देने का लालच देकर वह देश के विभिन्न शहरों के लोगों से मोटी रकम जमा करवा ली थी आरोपी ने बयान में स्वीकार्य किया कि उस ने अभी तक महेष महतो निवासी गाजियाबाद से 2 लाख 35 हजार, विशाल गलाटे औरंगाबाद से 01 लाख, आयुष श्रीवास्तव लखनउ से 3 लाख, रोहित मदान निवासी करनाल से 02 लाख, मयंक तिवारी लखनउ से 01 लाख, सतीश  निवासी गुजरात से 2 लाख 50 हजार, राजीव निवासी मुरादाबाद से 01 लाख 25 हजार, लक्ष्मीकांत निवासी प्रयागराज से 01 लाख, अन्नू निवासी बाम्बे से 01 लाख 83 हजार, अजय भान निवासी दिल्ली से 01 लाख, आनंद निवासी रांची, 02 लाख, अमन निवासी दिल्ली से 80 हजार, प्रदीप चंदेल निवासी चंडीगढ से 85 हजार, विजय निवासी राजस्थान से 80 हजार रमेश गिररी व धर्मेन्द्र निवासी उदयपुर से 80-80 हजार रूपये व अन्य लोगो से ठगी करना क़बूल किया है । आरोपी के आफिस से 03 कंप्यूटर सिस्टम, 10 मोबाईल व अन्य उपकरणों सहित दस्तावेज बरामद। थाना अपराध शाखा जिला इंदौर में किया गया प्रकरण पंजीबद्ध आरोपी ने देश भर के अलग अलग शहरों में दर्जन भर से अधिक लोगों के साथ ठगी की वारदातें आई सामने कंपनी के खाते में 40 लाख से भी अधिक ठगी के रूपयों का लेन देन का ब्यौरा  इस जांच के दौरान तस्दीक करने पर बीसीएम हाईट्स में संचालित आरोपी का ऑफिस बंद होना पाया गया। क्यो की  वर्तमान में आरोपी ने उसी कंपनी का नाम बदलकर आरोग्य ऋषि नामक फर्जी संस्था रख लिया था और उसे शहर में  अन्य नही  जगह से संचालित कर लोगों को झांसे में फंसाने का कार्य कर रहा था।उपरोक्त घटना के संदर्भ में आरोपी के विरूद्ध थाना अपराध शाखा में अपराध क्रमांक 02/20 धारा 406, 420, 467, 468, 471  भादवि के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया है तथा प्रकरण के आरोपी कपिल करदिले पिता दत्तात्रेय करदिले उम्र 41 वर्ष निवासी 158, एलआईजी कॉलोनी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी कपिल से की गई प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकार किया है तथा बताया कि वर्ष 2016 में उसने आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड खोली थी जोकि पंजीकृत संस्था थी तथा बीसीएम हाईट्स बिल्डिंग में इसका संचालनालय था लेकिन वर्ष 2019 तक ठगी की कई वारदातें करने के बाद उसने आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड को बदलकर आरोग्य ऋषि नामक संस्था बना लिया था ।जोकी पूरी तरह से अवैध थी आरोपी के पास उस के दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं थे आरोपी ने ठगी के लिए अपना नया ठिकाना सांई संपदा बिल्डिंग विजयनगर में स्थापित किया था।आरोपी की आरोग्य ऋषि नामक संस्था के संचालनालय सांई संपदा बिल्डिंग विजयनगर के कार्यालय में दविश देने पर वहां से 03 कंप्यूटर, 10 मोबाईल व अन्य दस्तावेज बरामद हुयें हैं। आरोपी स्नातक पास है तथा पूर्व में एचडीएफसी बैंक में नौकरी करता था।